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कैसे करें गुलाब की खेती

इस राज्य के गुलाब उत्पादक किसान ने गुलाब की खेती कर मिशाल पेश की है

इस राज्य के गुलाब उत्पादक किसान ने गुलाब की खेती कर मिशाल पेश की है

आज हम आपको इस लेख में एक सफल फूल उत्पादक किसान के बारे में बताने जा रहे हैं। जो कि प्रतिमाह 80 किलो तक गुलाब के फूल की पैदावार कर रहे हैं। विशेष बात यह है, कि वह गुलाब के फूल की स्वयं ही बाजार में आपूर्ति करते हैं। सामान्य तौर पर जब हम हरियाणा का नाम सुनते हैं, तो सबसे पहले हमारे मन में धान और गेंहू की खेती का नाम सामने आता है। लोगों का ऐसा मनना है, कि हरियाणा में किसान केवल धान और गेंहू की ही खेती किया करते हैं। परंतु, इस तरह की कोई बात नहीं है। देश के अन्य राज्यों की ही भांति हरियाणा में भी किसान बागवानी फसलों का उत्पादन किया करते हैं। इससे किसान भाइयों की अच्छी-खासी कमाई हो जाती है। विशेष बात यह है, कि बागवानी फसलों पर राज्य सरकार के स्तर से किसान भाइयों को अनुदान दिया जाता है। हरियाणा के फूल उत्पादक किसान राजेश कुमार ने गुलाब की खेती करके अन्य लोगों के लिए नजीर पेश की है।

राजेश ने 6 कनाल में गुलाब की खेती कर रखी है

किसान तक के मुताबिक, इस किसान का नाम राजेश कुमार है। जो कि हिसार जनपद के हिदवान गांव के निवासी हैं। दरअसल, पहले राजेश सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी किया करते थे। परंतु, इसके बावजूद भी उनके घर में आर्थिक समस्या बनी रहती थी। ऐसी स्थिति में उनको एक माली ने गुलाब की खेती करने की राय दी। इसके उपरांत राजेश ने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छोड़ दी। वह हिदवान गांव में आकर अपनी पुश्तैनी जमीन पर जैविक विधि से गुलाब की खेती करने लगे। वर्तमान में राजेश ने 6 कनाल में गुलाब की खेती कर रखी है। इससे वह प्रतिमाह 80 किलो तक गुलाब के फूल उत्पादित कर रहे हैं। विशेष बात यह है, कि वह गुलाब के फूल को स्वयं ही बाजार में सप्लाई करते हैं।

राजेश कुमार प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की आमदनी कर रहे हैं

साथ ही, अपने खेत में उत्पादित किए गए गुलाब के फूल द्वारा गुलकंद, शरबत और गुलाब जल भी तैयार करते हैं। इन उत्पादों को वह और उनकी पत्नी मिलकर स्वयं ही घर-घर जाकर बेचते हैं। राजेश ने बताया है, कि गुलाब की खेती से वह प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की आमदनी कर रहे हैं। विशेष बात यह है, कि अब वह अन्य किसानों को भी जैविक विधि से गुलाब के फूलों की खेती करने का प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। उनको देखकर फिलहाल 40 किसानों ने गुलाब की खेती चालू कर दी है। इससे समस्त किसान भाइयों को काफी ज्यादा लाभ हो रहा है। ये भी देखें: गमले में कैसे उगाएं गुलाब के खूबसूरत फूल

किसान राजेश खाद के तौर पर सदैव गोबर का ही उपयोग करते हैं

किसान राजेश कुमार ने बताया है, कि उनके खेत में उत्पादित किए गए गुलाब के फूल एवं उससे निर्मित किए गए उत्पादों की मांग बाजार में आहिस्ते-आहिस्ते बढ़ती जा रही है। उनका कहना है, कि अपने खेत में वह खाद के तौर पर सदैव गोबर का ही उपयोग किया करते हैं। वह अपने उत्पाद को भिवानी, बहादुरगढ़, पंचकूला, सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, चंडीगढ़, मोहाली, अंबाला और रोहतक में जाकर स्वयं ही सप्लाई करते हैं। राजेश कुमार के मुताबिक, किसान राजेश और उनकी पत्नी दोनों एकसाथ मिलकर प्रतिदिन सुबह गुलाब के फूलों को तोड़ने के बाद बेचने के लिए बाजार लेकर जाते हैं।
इस राज्य में गुलाब की खेती से सालाना लाखों का मुनाफा कमा रहा किसान

इस राज्य में गुलाब की खेती से सालाना लाखों का मुनाफा कमा रहा किसान

आज हम आपको एक सफल फूल उत्पादक किसान के बारे में बताने वाले हैं। जो कि गुलाब की खेती करके अच्छी-खासी आमदनी कर रहा है। बतादें, कि महाराष्ट्र के लातूर जनपद में काफी बड़ी संख्या में किसान गुलाब की खेती कर रहे हैं। इन किसानों में से ही एक किसान हैं बाबूराव शामराव सुरवसे। यह पहले पारंपरिक फसलों की खेती किया करते थे। लेकिन, पारंपरिक फसलों की खेती करने से किसान बाबूराम शामराव सुरवसे को अच्छी आय अर्जित नहीं हो पा रही थी। इस वजह से उन्होंने बागवानी की तरफ अपना रुख करके गुलाब की खेती करना शुरू किया।

महाराष्ट्र में बागवानी फसलों के रकबे में काफी वृद्धि हुई है

अधिकांश लोगों की यह धारणा है, कि महाराष्ट्र में किसान केवल गन्ना, कपास, प्याज और
सोयाबीन की ही खेती करते हैं। परंतु, इस प्रकार की कोई बात नहीं है। वर्तमान में यहां पर किसान बाकी राज्यों की भांति बागवानी में भी रुची दिखा रहे हैं। महाराष्ट्र में काफी बड़ी तादात में किसान केला, हरी सब्जी, आम और अमरूद की खेती कर रहे हैं। हालाँकि, विशेष बात यह है कि वर्तमान में बहुत सारे किसानों ने तो फूलों की खेती भी चालू कर दी है, जिससे उन्हें काफी अच्छी कमाई हो रही है। खबरों के अनुसार किसानों ने सरकार की सलाह पर आधुनिक विधि से फूलों की खेती शुरू की है।

पारंपरिक फसलों की जगह शुरू की गुलाब की खेती

मीडिया खबरों के मुताबिक, महाराष्ट्र के लातूर जनपद में बड़ी संख्या में किसान गुलाब का उत्पादन कर रहे हैं। बाबूराव शामराव सुरवसे भी इन्ही किसानों में से एक हैं। इन्होंने पहले पारंपरिक फसलों की खेती की जिसमें प्राकृतिक आपदाओं के की वजह से उनको प्रति वर्ष नुकसान वहन करना पड़ता था। अब ऐसी स्थिति में उन्होंनें 9 एकड़ भूमि में गुलाब की खेती चालू कर दी। इसकी खेती आरंभ करते ही बाबूराव शामराव सुरवसे की तकदीर पूर्णतय बदल गई। अब वह साढ़े 3 लाख रुपये सालाना शुद्ध मुनाफा उठा रहे हैं। यह भी पढ़ें: इस राज्य के गुलाब उत्पादक किसान ने गुलाब की खेती कर मिशाल पेश की है

बाबूराव शामराव सुरवसे से गुलाब की खेती सीखने आ रहे अन्य किसान

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि वर्तमान में बाबूराव शामराव सुरवसे से गांव के अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा के स्त्रोत बन चुके हैं। दरअसल, अब उनके पास गांव व आसपास के इलाकों से लोग गुलाब की खेती करने के गुर सीख रहे हैं। बाबूराव शामराव सुरवसे का कहना है, कि उन्होंने 9 एकड़ भूमि पर गुलाब की खेती की है। इसके लिए उन्हें 35 हजार रुपये का खर्चा करना पड़ा है। परंतु, फिलहाल वह फूल विक्रय करके खर्च निकाल कर प्रतिदिन एक हजार रुपये का मुनाफा अर्जित कर रहे हैं। इस प्रकार बाबूराम एक वर्ष में लगभग साढ़े तीन लाख रुपये से ज्यादा की आय कर रहे हैं।

हरियाणा का राजेश भी फूल की खेती से उठा रहा लाखों का मुनाफा

बतादें, कि विभिन्न राज्यों में फूल की खेती करने पर किसानों को बढ़ावा दिया जा रहा है। विगत माह इसी प्रकार की एक खबर हरियाणा में सामने आई थी। जहां पर एक किसान गुलाब की खेती से अमीर हो गया। जानकरी के लिए बतादें, कि हरियाणा के उस किसान का नाम राजेश कुमार है। जो कि पहले गार्ड की नौकरी किया करता था। परंतु, इससे उसके घर का भरण पोषण भी ठीक से नहीं हो पा रहा था। इस वजह से राजेश ने गुलाब की खेती करना शुरू किया था। वर्तमान में राजेश साल में 5 लाख रुपये तक की आमदनी कर रहे हैं।